केंद्र सरकार ने कुपोषण से निपटने हेतु भारतीय पोषण कृषि कोष की शुरुआत की
केंद्र सरकार ने भारत में कुपोषण को कम करने के उद्देश्य से भारतीय पोषण कृषि कोष की शुरुआत की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने 18 नवंबर 2019 को नई दिल्ली में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ मिलकर भारतीय पोषण कृषि कोष का शुभारंभ किया.
भारतीय पोषण कृषि कोष बेहतर पोषण परिणामों हेतु भारत में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा. कोष का उद्देश्य देश भर में महिलाओं और बच्चों के बीच कुपोषण को कम करना है, जिसमें कृषि सहित बहु-क्षेत्रीय परिणाम आधारित रूपरेखा शामिल है.
लक्ष्य: भारतीय पोषण कृषि कोष का उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तरों पर स्वस्थ आहार प्रथाओं को बढ़ावा देना तथा उन्हें सुदृढ़ बनाना है और कुपोषण को स्थायी तरीके से निपटाना है.
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाने माने कृषि वैज्ञानिक डा. एम एस स्वामिनाथन कहा कि भारत को पोषण के मामले में सुरक्षित बनाने हेतु पांच सूत्री कार्य येाजना लागू करनी होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों में पोषक तत्वों की कमी न केवल उनके शारीरिक विकास को अवरुद्ध करती है बल्कि उसके मानसिक विकास को भी प्रभावित करती है. उन्होंने भुखमरी से निबटने हेतु मंत्रालय से सामुदायिक स्तर पर ऐसे लोगों का समूह बनाने का आह्वान किया, जिन्हें इस पांच सूत्रीय कार्यक्रम का पालन करते हुए महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के मध्य भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए भलिभांति प्रशिक्षित किया जा सके.
पांच सूत्रीय कार्रवाई कार्यक्रम
• महिलाओं, विशेषकर गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के लिए कैलरी से भरपूर आहार सुनिश्चित करना.
• महिलाओं और बच्चों में मुखमरी खत्म करने हेतु भोजन में समुचित मात्रा में दालों के रूप में प्रोटीन का शामिल किया जाना सुनिश्चित करना.
• विटामिन ए, विटामिन बी, आयरन तथा जिंक जैसे माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी के कारण से होने वाली भूख को खत्म करना.
• 100 दिन से कम आयु के बच्चों वाले गांवों में महिलाओं को पोषण के बारे में जागरुक बनाना.
• स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने अपने संबोधन में कुपोषण की चुनौती से निपटने हेतु कृषि और पोषण के बीच अभिसरण की आवश्यकता पर जोर दिया. स्मृति ईरानी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी किसानों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक मंच पर आयी है.
बिल गेट्स ने कहा कि भारत में यदि कोई ऐसी समस्या है जिसका निराकरण बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन करना चाहेगा तो वे महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या है. उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल करने के बाद देश के विकास में अभूतपूर्व बदलाव लायेगा तथा उसे सतत विकाल लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता करेगा.
यह भी पढ़ें:FASTag in India: 01 दिसंबर से सभी वाहन मालिकों के लिए फास्टैग अनिवार्य
पृष्ठभूमि
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भारतीय पोषण कृषि कोष परियोजना के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है. बिल गेट्स ने घोषणा की कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कुपोषण की चुनौती से निपटने हेतु एक स्थायी पोषण कार्यक्रम बनाने के लिए हर तरह से केंद्र सरकार के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है.
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केंद्र सरकार ने भारत में कुपोषण को कम करने के उद्देश्य से भारतीय पोषण कृषि कोष की शुरुआत की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने 18 नवंबर 2019 को नई दिल्ली में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ मिलकर भारतीय पोषण कृषि कोष का शुभारंभ किया.
भारतीय पोषण कृषि कोष बेहतर पोषण परिणामों हेतु भारत में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा. कोष का उद्देश्य देश भर में महिलाओं और बच्चों के बीच कुपोषण को कम करना है, जिसमें कृषि सहित बहु-क्षेत्रीय परिणाम आधारित रूपरेखा शामिल है.
लक्ष्य: भारतीय पोषण कृषि कोष का उद्देश्य व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तरों पर स्वस्थ आहार प्रथाओं को बढ़ावा देना तथा उन्हें सुदृढ़ बनाना है और कुपोषण को स्थायी तरीके से निपटाना है.
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाने माने कृषि वैज्ञानिक डा. एम एस स्वामिनाथन कहा कि भारत को पोषण के मामले में सुरक्षित बनाने हेतु पांच सूत्री कार्य येाजना लागू करनी होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों में पोषक तत्वों की कमी न केवल उनके शारीरिक विकास को अवरुद्ध करती है बल्कि उसके मानसिक विकास को भी प्रभावित करती है. उन्होंने भुखमरी से निबटने हेतु मंत्रालय से सामुदायिक स्तर पर ऐसे लोगों का समूह बनाने का आह्वान किया, जिन्हें इस पांच सूत्रीय कार्यक्रम का पालन करते हुए महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के मध्य भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए भलिभांति प्रशिक्षित किया जा सके.
पांच सूत्रीय कार्रवाई कार्यक्रम
• महिलाओं, विशेषकर गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के लिए कैलरी से भरपूर आहार सुनिश्चित करना.
• महिलाओं और बच्चों में मुखमरी खत्म करने हेतु भोजन में समुचित मात्रा में दालों के रूप में प्रोटीन का शामिल किया जाना सुनिश्चित करना.
• विटामिन ए, विटामिन बी, आयरन तथा जिंक जैसे माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी के कारण से होने वाली भूख को खत्म करना.
• 100 दिन से कम आयु के बच्चों वाले गांवों में महिलाओं को पोषण के बारे में जागरुक बनाना.
• स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने अपने संबोधन में कुपोषण की चुनौती से निपटने हेतु कृषि और पोषण के बीच अभिसरण की आवश्यकता पर जोर दिया. स्मृति ईरानी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी किसानों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक मंच पर आयी है.
बिल गेट्स ने कहा कि भारत में यदि कोई ऐसी समस्या है जिसका निराकरण बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन करना चाहेगा तो वे महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या है. उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल करने के बाद देश के विकास में अभूतपूर्व बदलाव लायेगा तथा उसे सतत विकाल लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता करेगा.
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पृष्ठभूमि
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने भारतीय पोषण कृषि कोष परियोजना के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है. बिल गेट्स ने घोषणा की कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कुपोषण की चुनौती से निपटने हेतु एक स्थायी पोषण कार्यक्रम बनाने के लिए हर तरह से केंद्र सरकार के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है.
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